रघु मालवीय

भोपाल। मध्यप्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार बनते ही पत्रकारों के बुरे दिन शुरू हो गये थे। बुरे दौर से गुजर रहे प्रदेश के पत्रकारों को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक साल से भी अधिक समय से रूका हुआ समाचार पत्र पत्रिकाओं के विज्ञापन का भुगतान करवा कर हजारों पत्रकारों को संकट के समय में बड़ी राहत दी है। ज्ञात रहे सत्ता संभालते ही पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनके जनसम्पर्क मन्त्री पीसी शर्मा ने समाचार पत्र पत्रिकाओं के खिलाफ बदले की भावना की तरह रूख अपनाना शुरू कर दिया था। लघु एवं मध्यम समाचार पत्र पत्रिकाओं का अधिकांश प्रकाशन का खर्च सरकारी विज्ञापन से ही चलता है।   प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनते ही कई वर्षो से लघु एवं मध्यम समाचार पत्र पत्रिकाओं को जारी होने वाले विज्ञापन बन्द कर दिये गये,जब इतने से भी इनको संतुष्टि नहीं मिली तो इनके विज्ञापन बिलों का भुगतान भी रोक दिया गया। होली,दिवाली और ईद जैसे त्यौहार निकल गये पर कांग्रेस सरकार को पत्रकारों पर तरस नहीं आया। सरकार की इस दमनकारी नीति के चलते समाचार पत्र पत्रिकाओं के सामने प्रकाशन का संकट आ खड़ा हुआ और देखते ही देखते वर्षो से प्रकाशित हो रहे कई समाचार पत्र पत्रिकाओं को कमलनाथ सरकार द्वारा पैदा किये गये आर्थिक संकट के कारण अपना प्रकाशन रोकना पड़ा। यह मध्यप्रदेश के इतिहास में पत्रकारों के साथ किया गया सबसे बड़ा अन्यायपूर्ण दमन था। जो कि ज्यादा दिन नहीं चल पाया और फिर से पत्रकार हितैषी सरकार शिवराज के रूप में सत्ता में लौट आई और समाचार पत्रों के प्रकाशकों ने राहत की सांस ली। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक साल से भी ज्यादा समय से रूका हुआ विज्ञापन बिलों का भुगतान शुरू किया गया,जिससे आर्थिक संकट का सामना कर रहे प्रदेश के हजारों पत्रकारों को कोरोना संकट में बड़ी राहत मिली है। 

 

 

Source : लेखक : प्रिंट मीडिया जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन 67 प्रदेश अध्यक्ष हैं .